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भारत का दुनियाभर में डेलीगेशन भेजना किस तरह सफल रहा है सांसद सुप्रिया सुले ने इसको लेकर बात की. उन्होंने कहा, भारत की ही कॉपी कर के अब पाकिस्तान भी यह कदम उठा रहा है. इससे साफ होता है कि भारत की यह पहल सफल रही है. दरअसल,भारत की देखा-देखी अब पाकिस्तान ने भी ऐलान कर दिया है कि वो भी भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद अपना डेलीगेशन दुनिया के कई देशों में भेजेगा.

पाकिस्तान की इस हरकत पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, हमारा यह कदम कामयाब हुआ तभी पाकिस्तान कॉपी कर रहा है. उन्होंने कहा, देखिए आपको कोई कॉपी क्यों करता है, आपको कोई कॉपी तब ही करता है जब उसको लगता है कि यह प्रोडक्ट अच्छा है तब ही तो कॉपी करता है. तो पाकिस्तान को लगता है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जो पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर ने सोचा है वो कुछ सोच कर ही पूरा प्रोग्राम बनाया है. लेकिन हमारे बहुत बाद अब पाकिस्तान यह कदम उठा रहा है. उन्होंने आगे कहा, लेकिन पाकिस्तान जो हम लोग को कॉपी कर रहा है इसका मतलब है कि हमारा यह मिशन कामयाब हो गया. कामयाब हुआ तब ही तो वो कॉपी कर रहे हैं.

कैसा रहा रिस्पॉन्स?

सुप्रिया सुले ने आगे कहा, मैं पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की आभारी हूं. उन्होंने जो विश्वास हम पर दिखाया और आज हमारे डेलीगेशन का 11वां दिन है. हम चार देशों में गए. मीटिंग का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स रहा है. हम जिस-जिस से मिले, सब नेताओं ने यह ही कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ है, इस ऑपरेशन में हम भारत के साथ है और वो भारत के ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता.

सांसद ने आगे कहा, सोशल मीडिया पर बहुत सारी फेक न्यूज भी सामने आई है, बहुत गलत प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज फैलाई गई है, तो जब हम लोगों ने उनको तथ्य बताए तो उन लोगों को भी आश्चर्य हुआ और सभी ने कहा कि यह डेलीगेशन भेजना काफी अच्छा कदम है. सभी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलिरेंस है, हम आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत से खड़े हैं.

पाकिस्तान ने भी किया भारत को कॉपी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब करने के लिए डेलीगेशन भेजा था. अब भारत के इस कदम की भी पाकिस्तान ने कॉपी की है. पाकिस्तान ने सोमवार (2 जून, 2025) को इन सब तनाव के बीच चर्चा करने, क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय “भूमिका” का आह्वान करने और पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की तरफ से निलंबित सिंधु जल संधि की बहाली के लिए अपने मामले की पैरवी करने के लिए कई राजधानियों में संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजे.

भारत ने जिस तरह 33 देशों का दौरा करने के लिए 59 सांसदों और पूर्व राजनयिकों के 7 भारतीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे. उसी तरह पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सिर्फ 5 राजधानियों का दौरा करेंगे, जिसमें पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स जाएगा, जहां यूरोपीय संघ का मुख्यालय स्थित है. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक, सैयद तारिक फातेमी के नेतृत्व में एक और प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मास्को की यात्रा की.

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